स्किल इंडिया मिशन के 10 साल: कैसे बदली युवाओं की जिंदगी
स्किल इंडिया मिशन के 10 साल: युवाओं के भविष्य को मिला नया आकार
15 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्किल इंडिया मिशन भारत की युवा शक्ति को रोज़गारोन्मुख और उद्योग-संगत कौशल प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल रही है। मिशन का उद्देश्य भारत को “दुनिया की स्किल कैपिटल” बनाना था। आज, 10 वर्षों बाद, यह मिशन न केवल करोड़ों युवाओं को प्रशिक्षण देकर उनके जीवन को बदलने में सफल रहा है, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी मज़बूत करने का एक प्रमुख आधार बन चुका है।
क्यों थी इसकी जरूरत?
भारत की जनसंख्या में 65% से अधिक लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं। यह जनसांख्यिकीय लाभांश तभी सार्थक होता है जब युवाओं के पास उपयुक्त कौशल हों। लेकिन देश में औपचारिक प्रशिक्षण की कमी और कौशल असमानता एक बड़ी चुनौती रही है। इसी के समाधान के रूप में सरकार ने 15 जुलाई, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने विश्व युवा कौशल दिवस घोषित किया है, को स्किल इंडिया मिशन की शुरुआत का दिन चुना।
मिशन के तहत प्रमुख योजनाएँ
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प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):
सबसे प्रमुख योजना रही है PMKVY, जिसके तहत शॉर्ट टर्म स्किलिंग, कोविड योद्धाओं के प्रशिक्षण, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, और पीएम विश्वकर्मा जैसे कार्यक्रमों को शामिल किया गया है।-
अब तक 1.63 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है।
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जन शिक्षण संस्थान (JSS):
यह योजना विशेष रूप से अशिक्षित, स्कूल छोड़ने वाले और वंचित वर्गों के लिए है।-
वर्ष 2018–2024 के बीच 26 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षण मिला।
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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना (PM-NAPS):
उद्योगों में युवाओं को ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण देने के लिए स्टाइपेंड आधारित योजना।-
अब तक 43 लाख से अधिक अप्रेंटिस जोड़े जा चुके हैं।
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RSETI और DDU-GKY:
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RSETI के माध्यम से 56 लाख ग्रामीण युवाओं को उद्यमिता में प्रशिक्षित किया गया।
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DDU-GKY के जरिए ग्रामीण युवाओं को वेतनयुक्त रोज़गार से जोड़ा गया।
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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (2023):
पारंपरिक कारीगरों को औज़ार, डिजिटल भुगतान और ऋण सहायता प्रदान करने की नई पहल।
मुख्य विशेषताएँ और बदलाव
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एकीकृत ढांचा: PMKVY 4.0, PM-NAPS और JSS को अब एक केंद्रीय योजना (2022–26) के तहत एकीकृत किया गया है।
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प्रमाणन और डिजिटल लिंक: सभी स्किल सर्टिफिकेट अब NSQF, DigiLocker और National Credit Framework (NCrF) से जुड़े हैं।
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Skill India Digital Hub (SIDH): इसके ज़रिए प्रशिक्षण, ट्रैकिंग और आधार-आधारित सत्यापन को और मज़बूती मिली है।
नए जमाने की तैयारी: भविष्य की स्किलिंग
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AI और डिजिटल स्किल्स:
2025 में विशेष ध्यान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स जैसे आधुनिक क्षेत्रों पर है। -
ग्रीन नौकरियाँ:
पर्यावरण अनुकूल उद्योगों के लिए युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है – जैसे सोलर टेक्नोलॉजी, वेस्ट मैनेजमेंट आदि। -
क्रेडेंशियल पोर्टेबिलिटी:
Micro-credentials और ULLAS जैसी पहलें क्रेडिट ट्रांसफर और प्रमाणन को आसान बना रही हैं। -
सार्वजनिक-निजी भागीदारी:
उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग से स्किलिंग को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जा रहा है।
निष्कर्ष
स्किल इंडिया मिशन ने 10 वर्षों में युवाओं को न केवल प्रशिक्षण दिया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता, रोज़गार और स्वरोज़गार के रास्ते पर आगे बढ़ाया है। मिशन का प्रभाव अब ग्रामीण से लेकर शहरी और पारंपरिक से लेकर तकनीकी क्षेत्रों तक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में यह एक निर्णायक शक्ति के रूप में उभरा है।
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