FISU World University Games 2025: तीरंदाजी में भारत का स्वर्णिम निशाना

FISU World University Games 2025: तीरंदाजी में भारत का स्वर्णिम निशाना

भारत ने जर्मनी के राइन-रुहर में आयोजित FISU वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 में एक गौरवपूर्ण उपलब्धि दर्ज की, जब परनीत कौर और कुशल दलाल की जोड़ी ने कंपाउंड मिक्स्ड टीम आर्चरी इवेंट में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। यह जीत न केवल भारतीय खेलों की वैश्विक प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि हमारे विश्वविद्यालयों के खिलाड़ी अब पारंपरिक खेलों से आगे बढ़कर गैर-ओलंपिक खेलों में भी अपना वर्चस्व स्थापित कर रहे हैं।


 पृष्ठभूमि

FISU वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स—जिसे ‘यूनिवर्सिएड’ के नाम से भी जाना जाता है—एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन है, जिसे इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स फेडरेशन (FISU) हर दो वर्ष में आयोजित करता है। 2025 संस्करण 16 से 27 जुलाई तक जर्मनी के छह शहरों में हो रहा है, जिसमें भारत के लगभग 300 छात्र-खिलाड़ी विभिन्न खेलों में भाग ले रहे हैं।

कंपाउंड आर्चरी, जो अब तेजी से वैश्विक लोकप्रियता प्राप्त कर रही है, को पहली बार लॉस एंजेलेस 2028 ओलंपिक में शामिल किया गया है। इससे इस इवेंट में भाग लेने वाले एथलीट्स के लिए यह अवसर और भी अहम बन गया है।


 राइन-रुहर 2025 में भारत का तीरंदाजी प्रदर्शन

स्वर्ण पदक

  • इवेंट: कंपाउंड मिक्स्ड टीम

  • खिलाड़ी: परनीत कौर और कुशल दलाल

  • फाइनल स्कोर: भारत 157 – दक्षिण कोरिया 154

रजत पदक

  • इवेंट: कंपाउंड पुरुष टीम

  • टीम: कुशल दलाल, साहिल राजेश जाधव, हृतिक शर्मा

  • परिणाम: तुर्की से 232–231 से करीबी हार

कांस्य पदक

  • इवेंट: कंपाउंड महिला टीम

  • टीम: परनीत कौर, अवनीत कौर, मधुरा धमंगांवकर

  • परिणाम: ग्रेट ब्रिटेन को 232–224 से हराया

 यह तीनों पदक एक ही दिन में जीते गए, जिससे भारत की कुल पदक संख्या इस संस्करण में अब तक 5 हो चुकी है।


 उपलब्धि का महत्व

गैर-ओलंपिक खेलों को बढ़ावा

कंपाउंड तीरंदाजी जैसी स्पर्धाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिलने लगी है, और भारत की यह जीत इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

एलए 2028 की तैयारी

अब जब कंपाउंड आर्चरी ओलंपिक का हिस्सा बन चुकी है, तो भारतीय तीरंदाजों के लिए यह जीत वैश्विक मंच पर तैयारी की ठोस शुरुआत मानी जा सकती है।

महिला खिलाड़ियों की अग्रणी भूमिका

परनीत कौर की मिक्स्ड और महिला टीम दोनों में भूमिका, भारतीय महिला एथलीट्स की बढ़ती उपस्थिति और उत्कृष्टता को दर्शाती है।

विश्वविद्यालय स्तर की प्रतिभा का प्रदर्शन

इस प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि भारत के विश्वविद्यालयों में न केवल अकादमिक प्रतिभा है, बल्कि उच्चस्तरीय खेल प्रतिभा भी मौजूद है, जिसे यदि सही मार्गदर्शन और मंच मिले, तो वह वैश्विक स्तर पर देश को गौरव दिला सकती है।


 निष्कर्ष

FISU वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 में भारत की यह सफलता सिर्फ एक खेल उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह युवा प्रतिभाओं की क्षमता, विश्वविद्यालय खेलों के विकास और देश के ओलंपिक भविष्य की झलक भी है। यह जीत आने वाले वर्षों में और भी बड़ी उपलब्धियों की नींव बन सकती है।

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